School Reopen 2025, बिग ब्रेकिंग! गर्मी की छुट्टियों में भी अब खुलेंगे स्कूल, कैंसिल हुई गर्मी की छुट्टिया?

हर साल बच्चों को बेसब्री से गर्मी की छुट्टियों का इंतज़ार रहता है, लेकिन School Reopen 2025 को लेकर इस बार कुछ अलग ही माहौल बन गया है। ताज़ा सरकारी आदेश के मुताबिक, गर्मी की छुट्टियों में भी अब स्कूल पूरी तरह से बंद नहीं रहेंगे। हां, छात्रों को भले ही स्कूल आने की ज़रूरत नहीं होगी, लेकिन शिक्षकों और स्कूल स्टाफ के लिए यह छुट्टियां अब ‘वर्किंग’ बन चुकी हैं।

क्या है नया आदेश School Reopen 2025 में?

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूलों में कई ज़रूरी प्रशासनिक कार्य जारी रहेंगे। इसमें एडमिशन प्रक्रिया, रिकॉर्ड अपडेट करना, सरकारी फाइलिंग जैसे काम शामिल हैं। ऐसे में शिक्षकों की उपस्थिति स्कूल में ज़रूरी होगी। हालांकि बच्चों की क्लासेस नहीं होंगी, लेकिन काम का लोड फिर भी कम नहीं होगा।

छात्र नहीं, शिक्षक होंगे स्कूल में मौजूद

School Reopen 2025 का आदेश कहता है कि छात्र स्कूल नहीं आएंगे, लेकिन पुरुष शिक्षकों और प्राचार्यों को नियमित तौर पर उपस्थित रहना होगा। महिला शिक्षकों को फिलहाल कुछ राहत दी गई है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर उन्हें भी बुलाया जा सकता है।

एडमिशन प्रक्रिया भी गर्मियों में होगी जारी

1 जून से 30 जून तक कक्षा 1 से 8 तक के नए दाखिलों के लिए स्कूल खुले रहेंगे। इस काम के लिए अलग-अलग शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी ताकि कोई बच्चा एडमिशन से वंचित न रहे।

क्या छुट्टियां अब सिर्फ नाम की हैं?

इस बार School Reopen 2025 को लेकर टीचर्स के बीच काफी चर्चा है। गर्मी में स्कूल जाना और वहां दिनभर की ड्यूटी निभाना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, खासकर जब तापमान 45 डिग्री पार कर चुका है। लेकिन सरकारी आदेश है, तो पालन तो करना ही पड़ेगा।

यूपी में 16 जून से खुलेंगे स्कूल

उत्तर प्रदेश में छुट्टियां 15 जून तक घोषित की गई थीं, लेकिन खबर है कि 16 जून से स्कूल फिर से खुल सकते हैं। हालांकि तापमान अगर ज़्यादा बढ़ा, तो छुट्टियां आगे भी बढ़ सकती हैं।

निष्कर्ष:

School Reopen 2025 केवल छात्रों के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए बड़ी जिम्मेदारी लेकर आया है। गर्मियों में स्कूलों का संचालन पूरी तरह से प्रशासनिक रहेगा। ऐसे में टीचर्स को चाहिए कि वे अपनी ड्यूटी को गंभीरता से निभाएं ताकि स्कूल व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहे। इस फैसले का मकसद सिर्फ इतना है कि एडमिशन जैसे अहम कार्य समय पर हो जाएं और शिक्षा व्यवस्था में कोई रुकावट न आए।

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